बाइबिल के संकेत – चरवाहों की रात
लूका रचित सुसमाचार (Luke 2:8) में लिखा है:
“चरवाहे खेतों में रात को अपनी भेड़ों की रखवाली कर रहे थे।”
यह सर्दी नहीं हो सकती, क्योंकि यहूदिया में दिसंबर की रातें ठंडी और वर्षा-युक्त होती हैं। ऐसे मौसम में भेड़ों को बाहर नहीं रखा जाता।
निष्कर्ष: यह घटना वसंत या पतझड़ में अधिक संभव है, न कि दिसंबर में।
क्या प्रारंभिक ईसाई 25 दिसंबर को मानते थे?
पहली दो सदियों में ईसाइयों ने ईसा के जन्म का कोई उत्सव नहीं मनाया।
प्रसिद्ध ईसाई संत ओरिजेन ने जन्मदिन मनाने को पापियों की परंपरा कहा। उन्हें केवल मसीह के पुनरुत्थान (ईस्टर) में श्रद्धा थी, न कि जन्म में।
तीसरी सदी में क्लेमेंट ऑफ अलेक्जेंड्रिया जैसे लेखकों ने अप्रैल, मई या जनवरी की तिथियाँ बताईं, परंतु 25 दिसंबर का कोई उल्लेख नहीं है।
☀️ रोमन त्यौहार और 25 दिसंबर
रोमन सम्राट ऑरेलियन ने 274 ई. में “Sol Invictus” (अजेय सूर्य) का उत्सव 25 दिसंबर को शुरू किया। यह सर्दियों की संक्रांति का उत्सव था, जब दिन फिर से लंबे होने लगते हैं।
इसी समय Saturnalia नामक त्यौहार भी होता था—जहाँ उपहार, भोज और सामाजिक रिवाजों को तोड़ा जाता था। यह क्रिसमस जैसे ही तत्वों से भरा था।
ईसाई धर्मगुरुओं ने शायद इन लोकप्रिय रोमन उत्सवों को “ईसा का जन्म” में बदल दिया, ताकि धर्मांतरण आसान हो जाए।
🧮 धार्मिक गणना सिद्धांत – “March 25 + 9 महीने = December 25”
एक और विचार था कि ईसा की मृत्यु (क्रूस पर चढ़ाया जाना) और गर्भाधान एक ही दिन हुआ – 25 मार्च।
9 महीने जोड़ने पर तारीख बनती है – 25 दिसंबर। इस गणना को बाद के संतों ने अपनाया, जैसे संत ऑगस्टिन।
🏛️ कब शुरू हुआ क्रिसमस 25 दिसंबर को?
सबसे पहला रिकॉर्ड 336 ई. में रोम में मिलता है, जहाँ “नटालिस क्रिस्टस इन बेथलेहेम” लिखा गया।
इसके बाद यह परंपरा तेजी से फैली – अंटियोक (386 ई.), कॉन्स्टेंटिनोपल (379 ई.) और पूरे रोमन साम्राज्य में।
🧠 आज के इतिहासकार क्या कहते हैं?
✅ बाइबिल कोई तारीख नहीं बताती
✅ चरवाहों और यात्रा की स्थितियां दिसंबर को नकारती हैं
✅ 25 दिसंबर का चयन 300 साल बाद हुआ
✅ इसे रोमन संक्रांति और प्रतीकात्मकता के कारण चुना गया
✅ आधुनिक विद्वान ईसा का जन्म 4 से 6 ई.पू. के बीच, वसंत या शरद ऋतु में मानते हैं
📚 “एन्साइक्लोपीडिया ब्रिटानिका” साफ कहता है:
“यह ज्ञात नहीं है कि ईसा मसीह का जन्म कब हुआ, लेकिन यह निश्चित रूप से 25 दिसंबर नहीं था।”
🪔 इसका महत्त्व क्यों है?
सच्चाई जानना हमें परंपराओं के मूल तक ले जाता है।
25 दिसंबर कोई दिव्य रहस्य नहीं, बल्कि प्रतीकात्मक चयन था—जो रोमन संस्कृति, ईसाई गणना, और सामाजिक अनुकूलन से बना।
“Glories of India” जैसे प्रोजेक्ट का मकसद है ऐसे ऐतिहासिक मिथकों को उजागर करना, जो सदियों से मान्य हैं।
🔍 सारांश
बिंदु | सच्चाई |
---|---|
📖 बाइबिल | तारीख नहीं बताई गई |
🐑 चरवाहे | गर्म मौसम संकेत |
🏛️ रोमन प्रभाव | Sol Invictus, Saturnalia |
🧮 ईसाई गणना | March 25 को गर्भाधान माने जाने से निकला Dec 25 |
📅 असली जन्म | संभवतः अप्रैल या सितंबर, 4-6 B.C. |
🙏 निष्कर्ष
ईसा का जन्म हुआ – यह विश्वास है। पर कब हुआ, यह जानना इतिहास की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
25 दिसंबर का उत्सव सुंदर है, परंतु यह ऐतिहासिक नहीं, सांस्कृतिक और प्रतीकात्मक परंपरा है।