Glories of India

कुतुब मीनार – एक विष्णु मंदिर, जिसे छुपा दिया गया!

क्या कुतुब मीनार वास्तव में एक विष्णु मंदिर था?

हमें इतिहास में सिखाया गया कि कुतुब-उद-दीन ऐबक ने 1192 ई. में दिल्ली में कुतुब मीनार का निर्माण करवाया। लेकिन क्या ये सच्चाई है?

हिंदू वास्तुकला विशेषज्ञों और इतिहासकारों के अनुसार, कुतुब मीनार मूल रूप से एक हिंदू संरचना थी — एक विष्णु स्तंभ, जिसे बाद में मुस्लिम आक्रांताओं ने कब्जा कर बदल दिया।

वास्तुशिल्प साक्ष्य जो चीख-चीखकर बोलते हैं

  • मीनार और उसके आस-पास के ढाँचों में कमल, कलश, फूलों की बेलें और घंटियों की नक्काशी पाई जाती है — ये सभी वेदिक हिंदू चिन्ह हैं, न कि इस्लामी।
  • मीनार के आधार पर कोई मूल अरबी लेख नहीं है।
  • मीनार के पास बनी कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद को 27 हिंदू और जैन मंदिरों के खंडहरों से बनाया गया — यह खुद शिलालेख में लिखा है।

🛕 मूल क्या था? विष्णु स्तंभ

  • यह मीनार विष्णु भगवान को समर्पित एक मंदिर का स्तंभ था।
  • यह संभवतः तोमर या चौहान वंश के समय बना था।
  • इसके पास स्थित लोहे के स्तंभ पर गुप्त सम्राट चंद्रगुप्त द्वितीय की विजय गाथा अंकित है — जो इस स्थान की हिंदू पवित्रता को सिद्ध करता है।

🔥 आक्रांताओं का फार्मूला

  1. हिंदू मंदिर पर आक्रमण
  2. मूर्तियाँ तोड़ना
  3. मंदिर सामग्री से मस्जिद बनाना
  4. नाम बदल देना
  5. दावा करना — “हमने बनाया”

सच्चाई को क्यों दबाया गया?

  • ब्रिटिश इतिहासकारों ने भारत की गौरवशाली संस्कृति को छुपाया।
  • नेहरू काल के सेकुलर इतिहास ने इसे जारी रखा।
  • आज भी ASI खुदाई की अनुमति नहीं देतीडर है कि सच सामने आ जाएगा।

🧭 समय आ गया है सच्चाई जानने का

यह हिंदू-मुस्लिम का नहीं, सत्य और सम्मान का विषय है।
कुतुब मीनार एक मुस्लिम विजय स्तंभ नहीं, बल्कि हिंदू धर्म का प्रतीक विष्णु स्तंभ है।