मुस्लिम प्रभाव की शुरुआत अरब जनरल मुहम्मद बिन कासिम से हुई, जिसने सिंध पर हमला कर राजा दाहिर को हराया। यह जिहाद के नाम पर किया गया युद्ध था, जिसने भारत के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र को इस्लामीकरण की ओर धकेला।
महमूद गज़नवी ने भारत पर 17 बार हमला किया और सोमनाथ मंदिर को लूटा व नष्ट किया। उसका उद्देश्य शासन नहीं, केवल लूट और विध्वंस था।
मोहम्मद गोरी ने पृथ्वीराज चौहान को हराकर भारत में इस्लामी साम्राज्य की नींव रखी। उसके गुलाम कुतुबुद्दीन ऐबक ने दिल्ली सल्तनत की स्थापना की।
सल्तनत में पाँच वंश हुए—गुलाम, खिलजी, तुगलक, सैयद और लोदी। इस काल में भारी मात्रा में मंदिर तोड़े गए, जज़िया कर लगाया गया और लाखों धर्मांतरण किए गए।
बाबर ने पानीपत में इब्राहिम लोदी को हराकर मुग़ल साम्राज्य की शुरुआत की। औरंगज़ेब ने सबसे ज़्यादा मंदिर तोड़े और हिंदुओं पर अत्याचार किया। काशी विश्वनाथ और मथुरा के मंदिरों को ध्वस्त किया गया।
बादशाह बहादुर शाह जफर को अंग्रेजों ने निर्वासित किया और ब्रिटिश राज शुरू हुआ।
भारत पर मुस्लिम नियंत्रण कोई स्वाभाविक घटना नहीं थी, बल्कि सुनियोजित आक्रमणों का परिणाम था। हमें अब यह इतिहास समझना होगा, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियाँ अपनी खोई हुई गौरवगाथा को पहचान सकें।
आक्रमण से साम्राज्य तक: भारत पर मुस्लिम शासन
📍 711 ई. – अरबों द्वारा सिंध पर हमला
📍 1000–1027 ई. – महमूद गजनवी के आक्रमण
📍 1192 ई. – मोहम्मद गोरी की विजय (तराइन का द्वितीय युद्ध)
📍 1206 ई. – दिल्ली सल्तनत की स्थापना
📍 1526 ई. – पानीपत का पहला युद्ध
📍 1526–1707 ई. – मुग़ल विस्तार काल
📍 1857 ई. – मुस्लिम शासन का अंत